नई दिल्ली। केंद्र सरकार से संचालित तेल कंपनियों ने चीनी कंपनियों द्वारा संचालित या उनके मालिकाना हक वाले तेल टैंकरों की बुकिंग को बंद करने का फैसला लिया है। भले ही जहाज किसी तीसरे देश में पंजीकृत हो। यह निर्णय चीन के साथ व्यापारिक गतिविधियों को रोकने के लिए पिछले महीने जारी निर्देशों के तहत आया है। बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा तनाव तो चल ही रहा है, दोनों देशों के व्यापार संबंधों में भी खासा तनाव आया है। अखिलेश यादव ने सैफई में कृष्ण की मूर्ति स्थापित कर बदली राजनीति की दिशा बता दें कि तेल कंपनियों के पास पहले से ही अपनी वैश्विक निविदाओं में भारतीय जहाजों के पक्ष में फर्स्ट राइट ऑफ रिफ्यूजल का खंड है। इसके तहत अगर भारतीय टैंकर विदेशी जहाजों की विजयी बोली से समानता रखते हों तो उन्हें कॉन्ट्रैक्ट दिया जा सकता है। National news in hindi , International news in hindi , Sports in hindi , Entertainment news in hindi , Politics news in hindi , Health news in hindi , Up news , State news , News in Hindi, Latest Hindi News, Current News in H
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