धर्म डेस्क। चाणक्य वेदों और शास्त्रों के ज्ञाता होने के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे। चाणक्य ने अपने अनमोल विचारों को चाणक्य नीति में पिरोया है। चाणक्य की नीतियां आज भी हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर चाणक्य की नीतियों पर अमल किया जाए तो हम जीवन में आने वाली कई परेशानियों से बच सकते हैं। आइए जानते हैं उनके अनमोल विचार.. आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में एक श्लोक बताया है। जो इस तरह है – अत्यासन्ना विनाशाय दूरस्था न फलप्रदा:। सेवितव्यं मध्याभागेन राजा बहिर्गुरू: स्त्रियं:।। इस श्लोक में चाणक्य ने कहा है कि राजा या जो व्यक्ति आर्थिक रुप से बलवान हो, आग और स्त्री, ये तीन ऐसी चीजें हैं न ही तो इनके ज्यादा करीब जाना चाहिए न ही इनसे ज्यादा दूर जाना चाहिए। यानि संतुलन बनाकर एक निश्चित दूरी रखनी चाहिए। लेकिन चाणक्य ने ऐसा क्यों कहा है यह जानना भी आवश्यक है आइए जानते हैं। किसी भी व्यक्ति को राजा या सामाजिक तौर पर शक्तिशाली व्यक्ति से ज्यादा दूरी बनाने से उनसे मिलने वाले लाभ से भी दूर हो जाएंगे। लेकिन अगर हम इनके ज्यादा करीब जाते हैं तो सम्मान को चोट पहुंचने के साथ दंड या क
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